नेशनल कौंसिल फॉर होटल मैंनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी से सम्बद्ध संस्थानों के लिए रैगिंग निषेध से संबन्धित अधिनियम
(नेशनल कौंसिल फॉर होटल मैंनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के मेमोरान्ड्म ऑफ एसोशिएशन और नियम और अधिनियम की धारा (a) अनुभाग 30 के अंतर्गत)
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उद्देशिका
माननीय उच्च्तम न्यायलय के केरल विश्वविद्यालय बनाम कौंसिल प्रिंसिपल कॉलेज तथा अन्य, एस०एल०पी० सं० 24295, 2006 के 16-05-2007 तथा दिनांक 08-05-2009, सिविल अपील नं. 887 से प्राप्त निर्देशों तथा केंद्र सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के रैगिंग रोकने के संकल्प को ध्यान में रखते हुए छात्र अथवा छात्रों द्वारा मौखिक शब्दों अथवा लिखित कार्य द्वारा नये अथवा अन्य छात्र को उत्पीड़न, दुर्व्यव्हार, छात्र को उत्पात अथवा अनुशासनहीनता की गतिविधियों में संलिप्त करना जिससे नये अथवा किसी अन्य छात्र को कष्ट, परेशानी, कठिनाई अथवा मनोवैज्ञानिक हानि हो अथवा उस्में भय की भावना उत्पन्न हो अथवा नये या अन्य किसी छात्र से ऐसे कार्य को करने के लिये कह्ना जो वह सामान्य स्थिति में नहीं करे तथा जिससे उसमें लज्जा की भावना उत्पन्न हो अथवा घबराहट हो जिससे मनोवैज्ञानिक दॄष्टि से किसी छात्र पर दुष्प्रभाव पड़े अथवा कोई छात्र नये अथवा अन्य छात्र पर शक्ति प्रदर्शन करें। सभी छात्रों के शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ विकास के लिए नेशनल कौंसिल फोर होटल मैंनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी यह अधिनियम बनाता है।
नेशनल कौंसिल फोर होटल मैंनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के मेमोरांडम ऑफ एसोसिएशन के अनुभाग 30 धारा (a) के अधिकारों का प्रयोग करते हुए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स निम्नलिखित अधिनियम बनाता है, जिसका नाम है –
1 शीर्षक, प्रारम्भ और प्रयोज्यता -
- यह अधिनियम नेशनल कौंसिल फोर होटल मैंनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के छत्रछाया में समस्त भारत में चल रही संस्थाओं में रैगिंग के खतरे को रोकने के अधिनियम कहे जायेंगे।
- यह नियम प्रकाशन की तिथि से लागू माने जायेंगे ।
- नेशनल कौंसिल फोर होटल मैंनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी की छत्रछाया में चल रहे इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैंनेजमेंट संस्था चाहे वो केंद्र सरकार / राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित हो या निजी संस्थाओं के परिसर तथा अन्य सभी शैक्षिक, आवासीय, खेल के मैदान, जलपान गृह तथा अन्य शैक्षिक संस्थाओं (आई०एच०एम०) चाहे वे परिसर के भीतर हों अथवा बाहर तथा छात्रों के सभी प्रकार के परिवहन चाहे वे सरकारी हों अथवा निजी छात्रों द्वारा इस प्रकार के संस्थाओं (आई०एच०एम०) पर लागू होंगे।
2. उद्देश्य
किसी छात्र अथवा छात्रों के द्वारा दूसरे को मौखिक अथवा लिखित शब्दों द्वारा प्रताडित करना, उसे छेड़ना किसी नये छात्र के साथ दुर्व्यवहार करना अथवा उसे अनुशासनहीन गतिविधियों में लगाना जिससे आक्रोश, कठिनाई, मनोवैज्ञानिक हानि हो अथवा उसमें भय की भावना उत्पन्न हो अथवा नये या अन्य किसी छात्र से ऐसे कार्य को करने के लिये कह्ना जो वह सामान्य स्थिति में नहीं करे तथा जिससे उसमें लज्जा की भावना उत्पन्न हो अथवा घबराहट हो जिससे मनोवैज्ञानिक दॄष्टि से किसी छात्र पर दुष्प्रभाव पड़े अथवा शक्ति प्रदर्शन करना अथवा किसी नये छात्र को वरिष्ठ छात्र द्वारा शोषण करना। नेशनल कौंसिल फॉर होटल मैंनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के छत्रछाया में चल रहे सम्बंधित संस्थाओं (आई०एच०एम०) में इन अधिनियम के अंतर्गत रैगिंग रोकना। इस तरह की घटनाओं में संलिप्त व्यक्तियों को इन अधिनियम तथा विधि के अनुसार दण्डित करना ।
3. रैगिंग में क्या सम्मिलित है –
निम्नलिखित कोई एक अथवा अनेक कार्य रैगिंग के अंतर्गत आयेंगे –
- किसी छात्र अथवा छात्रों द्वारा नये आनेवाले छात्र का मौखिक वाणी अथवा लिखित शब्दों द्वारा उत्पीड़न अथवा दुर्व्यव्हार करना ;
- छात्र अथवा छात्रों द्वारा उत्पात करना अथवा अनुशासनहीनता का वातावरण बनाना जिससे नये छात्र को कष्ट , आक्रोश, कठिनाई, शारीरिक अथवा मानसिक पीड़ा हो;
- किसी छात्र से ऐसे कार्य को करने के लिये कहना जो वह सामान्य स्थिति में न करे तथा जिससे नये छात्र में लज्जा, पीड़ा अथवा भय की भावना उत्पन्न हो;
- वरिष्ठ छात्र द्वारा किया गया कोई ऐसा कार्य जो किसी अन्य अथवा नये छात्र के चलते हुए शैक्षिक कार्य में बाधा पहुंचाये;
- नये अथवा किसी अन्य छात्र का दूसरों को दिये गये शैक्षिक कार्य को करने हेतु बाध्य कर शोषण करना;
- नये छात्र का किसी भी प्रकार से आर्थिक शोषण करना/ जबरन धन वसूली करना ;
- शारीरिक शोषण का कोई भी कार्य / किसी भी प्रकार का यौन शोषण, समलैंगिक प्रहार, नंगा करना, अश्लील तथा काम सम्बन्धी कार्य हेतु विवश करना, अंग चालन द्वारा बुरे भावों की अभिव्यक्ति करना, किसी प्रकार का शारीरिक कष्ट जिससे किसी व्यक्ति अथवा उसके स्वास्थ्य को हानि पहुँचे;
- मौखिक शब्दों द्वारा किसी को गाली देना, ई-मेल, डाक, सार्वजनिक रूप से किसी को अपमानित करना, किसी को कुमार्ग पर ले जाना, स्थानापन्न अथवा कष्टदाय देना या सनसनी पैदा करना जिससे नये छात्र या अन्य छात्र को घबराहट हो;
- कोई कार्य जिससे नये छात्र के मन मस्तिष्क अथवा आत्मविश्वास पर दुष्प्रभाव पड़े;
- नये अथवा किसी छात्र को कुमार्ग पर ले जाना तथा उस पर किसी प्रकार की प्रभुता दिखाना;
4 परिभाषायें:
4.1 इन अधिनियमों मे जब तक कि कोई अन्य संदर्भ न हो ।
- नेशनल कौंसिल फॉर होटल मैंनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के मेमोरान्ड्म ऑफ एसोशिएशन के तहत नियम और अधिनियम जो कि रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी अधिनियम 1860 के अंतर्गत पंजीकृत हैं।
- शैक्षिक वर्ष का तात्पर्य नेशनल कौंसिल फॉर होटल मैंनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के छत्रछाया में चल रहे सम्बंधित आई०एच०एम० और एफ०सी०आई० में किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश तथा उस वर्ष की शैक्षिक आवश्यकताओं की पूर्ति है।
- “राष्ट्रीय रैगिंग निषेध हेल्पलाइन” का तात्पर्य विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा उसके अधिनियमों के तहत स्थापित रैगिंग निषेध हेल्पलाइन है ।
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राष्ट्रीय रैगिंग निषेध हेल्पलाइन
निःशुल्क फोन न०: 1800-180-5522
ई-मेल: helpline@antiragging.in
- आयोग का तात्पर्य विश्वविद्यालय अनुदान आयोग है।
- कौंसिल का तात्पर्य नेशनल कौंसिल फॉर होटल मैंनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, भारत सरकार द्वारा स्थापित रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी के अंतर्गत एक संस्था जो देश में आतिथ्य प्रबंध शिक्षा के समन्वित विकास के लिए और इससे संबन्धित संस्थाओं के विनियमन के लिए है ।
- “संस्था” का तात्पर्य इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट जो कि कौंसिल से संबद्धित हो, चाहे केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या किसी सार्वजनिक / निजी ट्रस्ट / सोसाइटी द्वारा पोषित हो।
- जिला स्तरीय रैगिंग निषेध समिति का तात्पर्य जिलाधिकारी की अध्यक्षता में राज्य सरकार द्वारा रैगिंग रोकने के लिए जिले की परिसीमा में गठित समिति है।
- संस्था स्तरीय रैगिंग निषेध समिति का तात्पर्य कौंसिल द्वारा संबन्धित आई०एच०एम० के प्रधानाचार्य द्वारा रैगिंग रोकने के लिए गठित समिति।
- संस्थाध्यक्ष का तात्पर्य प्रधानाचार्य व निदेशक या संस्था के नामित कार्यकारी प्रमुख।
- फ्रेशर से तात्पर्य वह छात्र है जिसका प्रवेश किसी संस्था में हो गया है तथा उस संस्था में उसकी पढ़ाई का प्रथम वर्ष चल रहा है।
- राज्य स्तरीय मानिटरिंग सेल का तात्पर्य राज्य सरकार द्वारा विधि के अनुसार अथवा केन्द्र सरकार की सलाह पर रैगिंग रोकने के लिए बनाया गया निकाय है। जिसका कार्यक्षेत्र राज्य तक होगा।
4.2 शब्द तथा अभिव्यक्ति को यहाँ स्पष्ट नही किया गया है किन्तु अधिनियम अथवा विनियमन के अधिनियम के सामान्य खण्ड में उल्लिखित हैं, वही अर्थ होगा जो उसमें दिया गया है।
5. संस्था स्तर पर रैगिंग निषेघ के उपाय-
- कोई भी संस्था अथवा उसका कोई भाग, केवल विभागों तक ही नहीं उसकी सभी ईकाई, कॉलेज, शिक्षण केन्द्र, उसके भू-गृह चाहे वे शैक्षिक, आवासीय खेल के मैदान अथवा जलपान गृह आदि हो चाहे वे संस्था परिसर में हो अथवा बाहर, सभी प्रकार के परिवहन, या निजी, सभी में रैगिंग रोकने हेतु इन विनियमों के अनुसार तथा अन्य सभी आवश्यक उपाय करेंगे। रिपोर्ट होने पर रैगिंग की किसी भी घटना को दबाया नहीं जाएगा।
- सभी संस्थाएं रैगिंग के प्रचार, रैगिंग में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध इन विनियम के अनुसार कार्रवाई करेंगे।
6. संस्था स्तर पर रैगिंग रोकने के उपाय
6.1 छात्रों के प्रवेश अथवा पंजीकरण के संदर्भ में संस्था निम्नलिखित कदम उठाए।
- संस्था द्वारा जारी ईलेक्ट्रानिक दृश्य, श्रव्य अथवा प्रिन्ट मीडिया में छात्र को प्रवेश संबंधी घोषणा में यह बताया जाए कि संस्था में रैगिंग पूर्णताः निषेध है। यदि कोई रैगिंग करने अथवा उसके प्रचार का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से दोषी पाया गया अथवा रैगिंग प्रचार के षड़यंत्र में दोषी पाया गया तो उसे इन विनियम तथा देश के कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा।
- प्रवेश पुस्तिका के निर्देश पुस्तक तथा विवरण पत्रिका चाहे वे ईलेक्ट्रानिक हो अथवा मुद्रित उनमें ये विनियम विस्तार से छापें जाएँ। प्रवेश पुस्तिका का निर्देश पुस्तिका विविरण पत्रिका में यह भी मुद्रित किया जाए कि रैगिंग होने या संस्था के अध्यक्ष इसके साथ संस्थाध्यक्ष, संकाय सदस्य रैगिंग निषेध समिति के सदस्यों, रैगिंग निषेध दस्तों के सदस्यों अथवा जिले के अधिकारियों, वार्डनों तथा अन्य संबंधित अधिकारियों के दूरभाष नम्बर प्रवेश पुस्तिका, निर्देश पुस्तिका अथवा विवरण पत्रिका में विस्तार से छापे जाएँ।
- कौंसिल जो कि संबद्ध संस्था है, से संबन्धित कोई भी संस्था अपने प्रवेश पुस्तिका, निर्देश पुस्तिका, विवरण पत्रिका या ईलेक्ट्रानिक माध्यम से रैगिंग से संबन्धित विवरण और परिणामों को प्रकाशित करेगा। साथ ही राष्ट्रीय रैगिंग निषेध हेल्पलाइन, कौंसिल के रैगिंग निषेध हेल्पलाइन और कौंसिल के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के फोन नंबर अपने प्रवेश पुस्तिका, निर्देश पुस्तिका या विवरण पत्रिका में प्रकाशित करेगा। कौंसिल से संबन्धित संस्था रैगिंग मुक्त संस्था बनाने के लिए इन नियमों का पालन करेंगे। कौंसिल यह सुनिश्चित करेगा कि संबन्धित संस्था विनियम 6.1 के खण्ड (a) और खण्ड (b) का अनुपालन करें।
- प्रवेश हेतु प्रार्थना पत्र, नामांकन अथवा पंजीकरण में एक शपथ पत्र आवश्यक रूप से अंग्रेजी और हिन्दी / अभ्यर्थी की ज्ञात किसी एक प्रादेशिक भाषा में इन विनियम के संलग्नक 1 के अनुसार अभ्यर्थी द्वारा भरा जाए तथा हस्ताक्षर किया जाए कि उसने किसी अधिनियम के नियमों के पढ़ लिया है तथा इन विनियम के नियमों तथा विनियम के नियमों तथा विधि को समझ लिया है तथा वह रैगिंग निषेध तथा इसके लिए निर्धारित दंड को जानता/जानती है। वह यह घोषण करता/करती है कि उसे किसी संस्था द्वारा निष्कासित/निकाला नही गया है । साथ ही वह रैगिंग संबंधी किसी गतिविधि में संलिप्त नहीं होगा/होगी और यदि वह रैगिंग करने अथवा रैगिंग के दुष्प्रेरण का दोषी पाया/पायी गई तो उसे इन विनियम तथा विधि के अनुसार दंडित किया जा सकता है और वह दंड केवल निष्कासन तक सीमिति नही होगा।
- प्रवेश हेतु प्रार्थना पत्र , नामांकन अथवा पंजीकरण में एक शपथ पत्र अंग्रेजी और हिन्दी तथा किसी एक प्रादेशिक भाषा या हिन्दी भाषा में इन विनियमों के साथ संलग्नक है। अभ्यर्थी के माता-पिता अभिभावक की ओर से दिया जाए कि उन्होंने रैगिंग के अधिनियम को पढ़ लिया है तथा समझ लिया है तथा रैगिंग रोकने संबंधित अन्य कानून को वो जानते हैं तथा इसके लिए निर्धारित दंड को जानते हैं। वे घोषणा करते हैं कि उनका वार्ड किसी संस्था द्वारा निष्कासित नही किया गया है और न ही निकाला गया है तथा उनका वार्ड रैगिंग से सम्बन्धित किसी कार्य में प्रत्यक्ष/परोक्ष अथवा रैगिंग के दुष्प्रेरण में भाग नही लेगा और यदि वह इसका दोषी पाया गया तो उनको इन विनियम तथा कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा। यह दंड केवल निष्कासन तक सीमित नहीं होगा।
- प्रवेश हेतु प्रार्थना पत्र के साथ विद्यालय त्याग प्रमाण-पत्र / स्थानांतरण प्रमाण-पत्र / प्रवास प्रमाण-पत्र / चरित्र प्रमाण पत्र हो जिसमें छात्र के व्यक्तिगत तथा समाजिक व्यवहार की जानकारी दी गई हो ताकि संस्था इसके बाद उस पर नजर रख सके।
- संस्था के द्वारा व्यवस्थित किए गए छात्रावास या किसी अस्थायी परिसर जो कि संस्था का हिस्सा नहीं है या व्यावसायिक रूप से संचालित छात्रावास या लॉज की प्रार्थना करने वाले छात्र को प्रार्थना पत्र के साथ एक अतिरिक्त शपथ पत्र देना होगा। आवास के लिए निर्धारित सीट को स्वीकारते हुए शपथ पत्र निर्धारित प्रारूप अनुसूची I और II पर उसके माता/पिता/अभिभावक के भी हस्ताक्षर होंगे।
- किसी भी संस्था में शैक्षिक सत्र प्रारम्भ होने से पूर्व संस्थाध्यक्ष विभिन्न अधिकारियों/अभिकरणों जैसे छात्रपाल (वार्डेन) छात्र प्रतिनिधि, छात्रों के माता-पिता अभिभावक, जिला प्रशासन पुलिस आदि की मीटिंग आयोजित करे तथा रैगिंग रोकने के उपायों और उसमें संलिप्त अथवा उसका दुष्परिणाम करने वालों को चिन्हित कर दण्डित करने पर विचार-विमर्श हेतु उसे सम्बोधित करें।
- कौंसिल और संस्था, विशेष रूप से छात्रों को रैगिंग के अमानवीय प्रभाव के संदर्भ में जागृत करने हेतु तथा संस्था उसके प्रति रवैये से अवगत कराने हेतु बड़े पोस्टर (वरीयता से बहुरंगी) नियम विधि तथा दंड हेतु छात्रावास, विभागों तथा अन्य भवनों के सूचना पट्ट पर लगाया जाए। उनमें से कुछ पोस्टर स्थायी रूप के हों जिन स्थानों पर छात्र एकत्र होते हैं वहां रैगिंग का आघात किए जाने योग्य स्थानों पर विशेष रूप से ऐसे पोस्टर लागाए जाएँ।
- कौंसिल और संस्था मीडिया से यह अनुरोध करे कि वह रैगिंग रोकने के नियमों का प्रचार-प्रसार करे। संस्था के रोकने और उसमें लिप्त पाए जाने पर बिना भेद-भाव एवं भय के दण्डित करने के नियम का प्रचार करें।
- कौंसिल और संस्था द्वारा रैगिंग हो सकने वाले स्थानों की पह्चान कर उस पर गहन दृष्टि रखी जाए।
- संस्था द्वारा परिसर में विषम समय तथा शैक्षिक सत्र के प्रारम्भ में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाए तथा रैगिंग किए जाने योग्य स्थानों पर दृष्टि रखी जाए। पुलिस, रैगिंग निषेध सचल दल तथा स्वयं सेवी (यदि कोई हो) व्यक्तियों से इसमें सहायता ली जाए।
- कौंसिल और संस्था नए शैक्षिक सत्र के प्रारम्भ से पूर्व अवकाश के समय में रैगिंग के विरुद्ध संगोष्ठी, पोस्टर, पत्रिका, नुक्कड़ नाटक आदि के द्वारा प्रचार करें।
- संस्था के संकाय/विभाग/इकाई आदि छात्रों की विशेष आवश्यकताओं का पूर्वानुमान कर निवारण करें तथा शैक्षिक सत्र प्रारम्भ होने से पूर्व रैगिंग निषेध संबंधी अधिनियम के लक्ष्यों और उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए विधिवत् प्रबन्ध करें।
- कौंसिल और प्रत्येक संस्था शैक्षणिक सत्र प्रारम्भ होने से पहले पेशेवर कौंसिलरों की सेवा अथवा सहायता ले और वे शैक्षिक वर्ष प्रारम्भ होने के बाद भी नए तथा अन्य छात्रों की काउंसिलिंग के लिए उपलब्ध हों।
- संस्थाध्यक्ष स्थानीय पुलिस तथा अधिकारियों को वित्तीय आधार पर प्रबन्ध किए गए छात्रावास तथा निवास हेतु प्रयोग किये जा रहे भवन के संबन्ध में विस्तृत जानकारी दें। संस्थाध्यक्ष यह भी सुनिश्चित करें कि रैगिंग निषेध दल ऐसे स्थानों पर रैगिंग रोकने हेतु चैकसी रखें।
6.2 छात्रों का प्रवेश, नामांकन अथवा पंजीकरण होने पर निम्नलिखित कदम उठाए, जिसका नाम इस प्रकार है-
- संस्था में प्रवेश दिए गए प्रत्येक छात्र को एक मुद्रित पर्णिका दी जाए जिसमें यह बताया गया हो कि उसे विभिन्न उद्देश्यों हेतु किससे निर्देशन प्राप्त करना है। इसमें विभिन्न अधिकारियों के फोन नं० तथा पते भी दिए जाएँ ताकि आवश्यकता पड़ने पर छात्र किसी भी संबंधित व्यक्ति से तुरन्त संपर्क करें। इन विनियम में संदर्भित रैगिंग निषेध हेल्पलाईन, वार्डन, संस्थाध्यक्ष तथा रैगिंग निषेध समिति तथा दल के सदस्यों तथा संबंधित जिले तथा पुलिस के अधिकारियों के पते और फोन नं० विशेष रूप से समाहित किए जाएँ।
- नए छात्रों को दी जानेवाली पर्णिका द्वारा संस्था विनियम के विनियम 6.2 खण्ड (a) में दिये निर्देश को स्पष्ट करें। कुशल और प्रभावी तरीके से अन्य छात्रों से भलीभाँति परिचित कराने हेतु अधिष्ठापन और अभिविन्यास कार्यक्रम की व्यवस्था की जाए।
- इन विनियमों के विनियम 6.2 खण्ड (a) में निर्देशित पर्णिका द्वारा नए छात्रों को संस्था के बोनाफाइड स्टूडेंट के रूप में उनके अधिकार भी बताएं जाएं। उन्हें यह भी बताया जाए कि वे अपनी इच्छा के बिना किसी का कोई कार्य न करें चाहे उनके लिए उनके वरिष्ठ छात्रों ने कहा हो तथा रैगिंग के प्रयास की सूचना तुरन्त रैगिंग निषेध दल, वार्डन अथवा संस्थाध्यक्ष को दें।
- इन विनियमों के विनियम 6.2 खण्ड (a) में निर्देशित पर्णिका में संस्था में मनाएं जानेवाले विभिन्न कार्यक्रमों तथा गतिविधियों की तिथि दी हो ताकि नए छात्र संस्था के शैक्षिक परिवेश एवं वातावरण से परिचित हो सकें।
- वरिष्ठ छात्रों के आने पर संस्थान प्रथम अथवा द्वितीय सप्ताह के बाद जैसा भी हो अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित करें, जो नामित है: –
- पेशेवर कौंसिलरों द्वारा वरिष्ठ और नये छात्रों की काउंसिलिंग और एक संयुक्त सेनसीटाइजेशन प्रोग्राम का आयोजन, खण्ड - 6.1 नियम के विनियम धारा (o) के अनुसार करे।
- नये छात्रों का एक संयुक्त सेनसीटाइजेशन प्रोग्राम जो कि वरिष्ठ छात्रों, संस्थाध्यक्ष और रैगिंग निषेध समिति द्वारा संबोधित किया जाय।
- सदस्यों की उपस्थिति में नये और पुराने छात्रों के परिचय हेतु अधिकाधिक, सांस्कृतिक खेल तथा अन्य प्रकार की गतिविधिया आयोजित की जाये।
- छात्रावास में वार्डन सभी छात्रों को सम्बोधित करे तथा अपने दो कनिष्ठ सहयोगियों से कुछ समय तक सहयोग देने हेतु निवेदन करे।
- जहाँ तक संभव हो संकाय-सदस्य छात्रावास में रहने वाले छात्रों के साथ भोजन भी करे ताकि नये छात्रों में आत्मविश्वास का भाव उत्पन्न हो।
- इंचार्ज, वार्डन तथा कुछ वरिष्ठ छात्र को सम्मिल्लित कर संस्था समुचित समितियों का गठन करे। यह समिति नये और पुराने छात्रों के बीच सम्बंध सुदृढ़ बनाने में सहयोग दे।
- नये अथवा अन्य छात्र चाहे वे रैगिंग के भोगी हों अथवा रैगिंग होते हुए उन्होंने दोषी को देखा हो उन्हें ऐसी घटनाओं की सूचना देने हेतु उत्साहित किया जाए और उनकी पहचान सुरक्षित रखी जाए और ऐसी घटनाओं की सूचना देने वालों को किसी दुष्परिणाम से बचाया जाए।
- संस्था में आने पर नये छात्रों के प्रत्येक बैच को छोटे-छोटे वर्गों में बांट दिया जाए और ऐसा प्रत्येक वर्ग किसी एक संकाय सदस्य को दे दिया जाए जो स्वयं, वर्ग के सभी सदस्यों से परिचित हो और यह देखे कि नये छात्रों को किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो यदि हो तो उसका समाधान करने में उचित सहायता करे।
- इस प्रकार की समिति के संकाय सदस्य का यह दायित्व होगा कि वार्डनों को सहयोग दे तथा छात्रावास में औचक निरीक्षण करते रहें । संकाय सदस्य नए छात्रों के साथ हुई बातचीत की एक डायरी बनाए रखें।
- नये छात्रों को अलग छात्रावास में या अलग ब्लॉक में या अलग विंग में रखा जाये जहाँ वरिष्ठ छात्रों के सुगम प्रवेश की सुविधा नहीं हो। संस्था नये छात्रों को दिये गये निवास स्थानों /छात्रावासों में आवागमन करने वाले वरिष्ठ छात्रों पर पर वार्डन तथा सुरक्षा गार्ड और कर्मचारी द्वारा कड़ी निगरानी रखें।
- संस्था 24 घंटे छात्रावास परिसर में रैगिंग रोकने के लिए कड़ी नजर रखने का प्रबन्ध करें।
- नये छात्रों के माता-पिता/अभिभावकों का यह दायित्व होगा कि रैगिंग से सम्बन्धित सूचना संस्थाध्यक्ष को प्रदान करें।
- संस्था में पढ़ रहे प्रत्येक छात्र, उसके माता-पिता / अभिभावक प्रवेश के समय निर्देशित शपथ पत्र दें जैसा कि विनियम के विनियम 6.1 खण्ड (d) (e) और (g) के अनुसार प्रत्येक शैक्षिक वर्ष में दिया जाना है ।
- प्रत्येक संस्था विनियम (6.2) खण्ड – (m) के सन्दर्भ अनुसार प्रत्येक छात्र से शपथ पत्र ले और उनका उचित रिकार्ड रखे। प्रतिलिपियों को ईलेक्ट्रानिक रूप में सुरक्षित रखे ताकि जब आवश्यकता हो कौंसिल अथवा कोई प्राधिकार अथवा संस्था अथवा किसी अन्य सक्षम व्यक्ति द्वारा उन्हें प्राप्त किया जा सके।
- प्रत्येक छात्र/छात्रा अपने पंजीकरण के समय संस्था को अपनी पढ़ाई करते समय निवास स्थान की सूचना दे यदि उसका निवास स्थान तय नही किया है या वह अपने निवास बदलना चाहता/चाहती है तो उसका निश्चित होते ही विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी जाए और विशेष रूप से निजी खर्च पर व्यवस्थित किये गये भवनों अथवा छात्रावासों की जहां वह रह रहा है / रही है।
- संस्थाध्यक्ष, प्रत्येक छात्र और उसके माता/पिता/अभिभावक द्वारा शपथ पत्रों के आधार पर जो आँकड़े विनियम (6.2) खण्ड – (o) के तहत लिये गये हैं को को संकाय सदस्यों को उपलब्ध करायेंगे और वे रैगिंग की शिकायतों चाहे परिसर के भीतर अथवा बाहर तथा उसके बाद की गयी कार्यवाही का रिकार्ड भी रखे।
- प्रत्येक शैक्षिक वर्ष पूर्ण होने पर संस्थाध्यक्ष प्रथम वर्ष पूर्ण करनेवाले छात्रों के माता-पिता/अभिभावकों को रैगिंग से सम्बन्धित विधि और जानकारी से सम्बन्धित पत्र भेजें तथा उनसे अनुरोध करें कि नए शैक्षिक सत्र के प्रारम्भ में वापस आने पर उनके बच्चे रैगिंग से सम्बन्धित किसी गतिविधि में भाग न लें।
6.3 प्रत्येक संस्था निम्नलिखित नामों से समितियाँ गठित करें।
- प्रत्येक संस्था एक समिति बनाए जिसे रैगिंग निषेध समिति (एंटी रैगिंग कमेटी) कहा जाए। समिति की अध्यक्षता संस्थाध्यक्ष करें तथा समिति के सदस्यों को वे ही नामांकित करें। इसमें पुलिस तथा नागरिक प्रशासन के प्रतिनिधि भी हो। स्थानीय मीडिया युवा गतिविधियों से जुड़े गैर सरकारी संघटक संकाय सदस्यों के प्रतिनिधि, माता-पिता में से प्रतिनिधि, नए तथा पुराने छात्रों के प्रतिनिधि, शिक्षणेतर कर्मचारी तथा विभिन्न वर्गों से प्रतिनिधि समिति में से लिंग के आधार पर इस समिति में स्त्री पुरूष दोनों हों।
- रैगिंग निषेध समिति का कर्तव्य होगा कि वह इन विनियम प्रावधान तथा रैगिंग से संबन्धित कानून का अनुपालन कराए तथा रैगिंग निषेध दल के रैगिंग रोकने सम्बन्धी कार्यों को भी देखे।
- प्रत्येक संस्था एक छोटी समिति का भी गठन करे जिसे रैगिंग निषेध दल/ स्क्वैड (एंटी रैगिंग स्क्वैड) नाम से जाना जाए। इसे भी संस्थाध्यक्ष द्वारा नामित किया जाए। यह समिति नजर रखे तथा हर समय गश्त करें और सभी समय पर सचेत और सक्रिय बने रहे। रैगिंग निषेध दल/स्क्वैड में कैम्पस के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व हो। इसमें परिसर से बाहर के व्यक्ति नही होंगे।
- रैगिंग निषेध दल का यह दायित्व होगा कि वह छात्रावास तथा रैगिंग की दृष्टि से संवेदनशील अन्य स्थानों का औचक निरीक्षण करें।
- रैगिंग निषेध दल का यह दायित्व होगा कि वह संस्थाध्यक्ष अथवा अन्य किसी संकाय सदस्य अथवा किसी कर्मचारी अथवा किसी छात्र अथवा किसी माता-पिता अथवा अभिभावक द्वारा सूचित की गई रैगिंग की घटना की जाँच घटना स्थल पर जाकर करे तथा जाँच की रिपोर्ट संस्तुति सहित रैगिंग निषेध समिति को विनियम 9.1 उपखण्ड (a) के अनुसार कार्रवाई हेतु सौंपे। रैगिंग निषेध दल इस प्रकार की जाँच निष्पक्ष एवं पारदर्शी विधि से करे तथा सामान्य न्याय का पालन किया जाए। रैगिंग के दोषी पाए जानेवाले छात्र/छात्रों तथा गवाहों को पूरा अवसर देने तथा तथ्य एवं प्रमाण आदि देखने के बाद इसकी सूचना प्रेषित की जाए।
- प्रत्येक संस्था शैक्षिक वर्ष पूर्ण होने पर इन विनियम के उद्देश्य प्राप्त करने हेतु एक मॉनिटरिंग सेल बनाए जिसमें नए छात्रों को मॉनिटर करनेवाले स्वयंसेवी छात्र हों। संस्था मे बैचों की संख्या के आधार पर कई स्तर पर प्रत्येक 06 फ्रेशर पर एक मैंटर बनाए जाएँगे और एक मैंटर उच्चतर स्तर पर होने चाहिए।
- कौंसिल, एक समिति का गठन करे जिसे रैगिंग के मॉनिटरिंग सेल के रूप में जाना जाए, जो संबन्धित संस्था में इन विनियम के उद्देश्य प्राप्त करने हेतु सहयोग दें। मॉनिटरिंग सेल संस्थाध्यक्षों रैगिंग निषेध समिति रैगिंग निषेध दल से रैगिंग गतिविधियों की सूचना प्राप्त कर सकता है। वह जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जनपद स्तरीय रैगिंग निषेध समिति के सम्पर्क में रहे।
- मॉनिटरिंग सेल संस्था द्वारा किए जा रहे रैगिंग निषेध उपायों का भी मूल्यांकन करेगी। माता-पिता / अभिभावकों द्वारा प्रत्येक वर्ष में दिए गए शपथ पत्र तथा रैगिंग के नियम तोड़ने पर दण्डित किए जाने हेतु उनकी सहमति की भी जांच करेगा। यह दोषियों को दण्डित किए जाने हेतु उसकी मुख्य भूमिका होगी । रैगिंग निषेध उपायों के कार्यान्वयन और संस्था स्तर पर इसके विनियमानुसार अध्यादेश की स्थिति मे संशोधन में भी इसकी मुख्य भूमिका होगी।
6.4 प्रत्येक संस्था निम्नलिखित उपाय भी करे, जो हैं -
- प्रत्येक छात्रावास अथवा स्थान जहाँ छात्र रहते है। संस्था के उस भाग में पूर्णकालिक वार्डन हों जिसकी नियुक्ति संस्था द्वारा अर्हता के नियमानुसार की जाय जो अनुशासन बनाये रखें तथा छात्रावास में रैगिंग की घटनाओं को रोकने के साथ ही युवाओं से कक्षा के बाहर काउंसलिंग और सम्बंध बनाये रखे। वह छात्रावास में रहे या छात्रावास के अत्यन्त निकट रहे।
- वार्डन हर समय उपलब्ध हो। दूरभाष तथा संचार के अन्य साधनों से हर समय सम्पर्क किया जा सके। वार्डन को संस्था द्वारा मोबाइल फोन उपलब्ध कराया जाये जिसके नम्बर की जानकारी छात्रावास में रह रहे सभी छात्रों को हो।
- संस्था द्वारा वार्डन तथा रैगिंग रोकने से सम्बन्धित अन्य अधिकारियों के अधिकार बढ़ाने का विचार किया जा सकता है। छात्रावास में नियुक्त सुरक्षाकर्मी सीधे वार्डनों के नियंत्रण में हों तथा वार्डन द्वारा उनके कार्य का मूल्यांकन किया जाए।
- इन विनियमों के विनियम 6.1 उपखण्ड (o) के अनुसार प्रवेश के समय पेशेवर कौंसलर रखे जायें जो नये और अन्य छात्र जो अपने आने वाले जीवन की तैयारी हेतु विशेष रूप छात्रावास में रहने से सम्बन्धित काउन्सिलिंग चाहते हो उनकी कौंसिलिंग करें। ऐसे कौंसिलिंग सत्रों से माता-पिता तथा शिक्षकों को भी जोड़ा जाये।
- संस्था रैगिंग निषेध उपायों का व्यापक प्रचार प्रसार दृश्य श्रव्य माध्यम द्वारा करे कौंसिलिंग सत्र, कार्यशाला, पेंटिग और डिज़ाइन प्रतियोगिता द्वारा भी यह कार्य किया जा सकता है।
- प्रत्येक संस्था, किसी छात्र / व्यक्ति को रैगिंग निषेध हेल्पलाइन से संपर्क करने हेतु मोबाइल फोन या सार्वजनिक फोन से बात करने की छूट, वर्जित क्षेत्र में भी देगा जबकि कक्षा, सभागार, पुस्तकालय या दूसरे जगह जहाँ जरूरत हो फोन का उपयोग वर्जित किया जा सकता है।
- संस्था के शिक्षण एवं शिक्षणेतर कर्मचारी, प्रशासनिक कर्मचारी को छोड़कर संविदा पर रखे गए प्रत्येक कर्मचारी, प्रत्येक श्रमिक चाहे वे कैंटीन के कर्मचारी हों अथवा सुरक्षा गार्ड हों या सफाई वाले कर्मचारी हों सबको संवेदनशील रखे कि वे अपनी जानकारी में आनेवाले रैगिंग की घटना की जानकारी तुरन्त सक्षम अधिकारियों को देंगे।
- संस्था द्वारा कैंटीन और मैस के कर्मचारियों, चाहे वे संस्था के कर्मचारी हों अथवा निजी सेवा देने वाले हो से यह वचन ले कि कि वे अपने क्षेत्र रैगिंग की कोई भी घटना होने पर उसको जानकारी तुरन्त संस्थाध्यक्ष, रैगिंग निषेध समिति के सदस्यों अथवा वार्डन को दें।
- संस्था द्वारा सेवा कार्य की नियमावली में रैगिंग की सूचना देनेवाले कर्मचारियों को अनुशंसा पत्र देने का नियम बनाए तथा उसे उनके सेवा रिकॉर्ड में रखा जाए।
- संस्था द्वारा कैंटीन और मैस के कर्मचारियों, चाहे वे संस्था के कर्मचारी हों अथवा निजी सेवा देने वाले हो को निर्देशित किया जाए कि वे अपने क्षेत्र में कड़ी नजर रखें तथा रैगिंग की कोई भी घटना होने पर उसको जानकारी तुरन्त संस्थाध्यक्ष, रैगिंग निषेध समिति के सदस्यों अथवा वार्डन को दें।
- कौंसिल यह सुनिश्चित करे कि संस्था यह देख ले कि उसके पाठ्यक्रम में रैगिंग निषेध कार्यों को प्रोत्साहन दिया जाए। मानव अधिकारों की रक्षा पर बल दिया जाए। विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रम में रैगिंग की संवेदनशीलता पर प्रकाश डाला जाए। प्रत्येक शिक्षक को कौंसिलिंग के दृष्टिकोण कि स्थिति से निबटने का ढंग आना चाहिए।
- संस्था में रैगिंग नहीं हो रही है इसको सुनिश्चित करने के लिए संस्था प्रथम वर्ष के नए विद्यार्थियों की हर पन्द्रह दिन में गुमनाम अनियमित सर्वेक्षण करे। सर्वेक्षण की रूपरेखा संस्था स्वयं निश्चित करे।
- संस्था द्वारा छात्र को दिए जानेवाले विश्वविद्यालय छोड़ने के प्रमाण पत्र, स्थानान्तरण प्रमाण पत्र में छात्र के सामान्य चरित्र और व्यवहार के अतिरिक्त यह भी दिया जाए कि क्या छात्र कभी रैगिंग सम्बन्धी अपराध में संलिप्त रहा है। क्या छात्र ने कोई हिंसक अथवा दूसरे को हानि पहुँचाने वाला अपराध किया है।
- इन विनियमों में विभिन्न अधिकारियों, सदस्यों तथा समितियों के अधिकार बताए गए हैं। इसके साथ ही सभी वर्गों के अधिकारियों संकाय के सदस्यों तथा कर्मचारियों सहित चाहे वह स्थायी हो अथवा अस्थायी जो भी कौंसिल या संस्था की सेवा कर रहा है उसका यह सामुहिक दायित्व होगा कि वह रैगिंग की घटनाओं को रोके या घटना की जानकारी को संज्ञान में लाये।
- कौंसिल के प्रमुख और कौंसिल से संबद्ध संस्थाध्यक्ष सत्र के प्रारम्भिक तीन महीने तक रैगिंग के आदेश के अनुपालन तथा रैगिंग निषेध उपायों की जानकारी से सम्बन्धित रिपोर्ट इन विनियम के अधीन साप्ताहिक रिपोर्ट कौंसिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को दें।
- कौंसिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रत्येक पन्द्रह दिन बाद राष्ट्रीय निगरानी केंद्र को अपनी रिपोर्ट देंगे।
7 संस्थाध्यक्ष द्वारा की जानेवाली कार्रवाई-
रैगिंग निषेध दल अथवा सम्बन्धित किसी के भी द्वारा रैगिंग की सूचना प्राप्त होने पर संस्थाध्यक्ष तुरन्त सुनिश्चित करें कि क्या कोई अवैध घटना हुई है और यदि हुई है तो वह स्वयं अथवा उसके द्वारा अधिकृत रैगिंग निषेध समिति से सूचना प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज कराए अथवा रैगिंग से सम्बन्धित विधि के अनुसार संस्तुति दे। रैगिंग के अंतर्गत निम्नलिखित अपराध आते हैं।
- हेतु उकसाना
- रैगिंग का आपराधिक षड्यंत्र
- रैगिंग के समय अवैध ढंग से एकत्र होना तथा उत्पात करना
- रैगिंग के समय जनता को बाधित करना
- रैगिंग के द्वारा शालीनता और नैतिकता भंग करना
- शरीर को चोट या गंभीर चोट पहुँचाना
- गलत ढंग से रोकना
- गलत तरीके से बंधक बनाना
- आपराधिक बल प्रयोग
- प्रहार करना के साथ साथ यौन अपराध अथवा अप्राकृतिक अपराध
- बलात् ग्रहण
- आपराधिक अतिक्रम
- सम्पत्ति से सम्बन्धित अपराध
- आपराधिक धमकी
- मुसीबत में फँसे व्यक्तियों के प्रति उपर्युक्त में से कोई अथवा सभी अपराध करना
- उपर्युक्त में से कोई एक अथवा सभी अपराध पीड़ित के विरुद्ध करने हेतु धमकाना
- शारीरिक अथवा मानसिक रूप से अपमानित करना
- रैगिंग की परिभाषा से सम्बन्धित सभी उल्लिखित अपराध
संस्थाध्यक्ष रैगिंग की घटना की सूचना तुरन्त जिला स्तरीय रैगिंग निषेध समिति तथा कौंसिल के नोडल अधिकारी को दें। यह भी उल्लेख किया जाता कि संस्था इन विनियम के खण्ड 9 के अधीन अपनी जाँच और उपाय पुलिस तथा स्थानीय अधिकारियों द्वारा की जाने वाली कारवाई की प्रतीक्षा किए बिना प्रारम्भ कर दें और घटना के सात दिनों के भीतर औपचारिक कारवाई पूरी कर ली जाए।
8 कौंसिल के कर्तव्य एवं दायित्व
8.1 कौंसिल किसी भी संस्था में रैगिंग से सम्बन्धित घटनाओं की शीघ्र सूचना हेतु निम्नलिखित कार्य करेगा-
- कौंसिल एक निःशुल्क रैगिंग निषेध हेल्प लाइन बनाएगा जो 24 घंटे खुली रहेगी जिसका छात्र रैगिंग से सम्बन्धित घटनाओं के निवारण हेतु प्रयोग कर सकते हैं। कौंसिल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा बनाए राष्ट्रीय रैगिंग निषेध हेल्प लाइन नंबर का भी प्रदर्शन करेगा जो 24 x 7 निःशुल्क काम करती है।
- रैगिंग निषेध हेल्पलाइन पर प्राप्त किया गया संदेश तुरन्त संस्थाध्यक्ष, छात्रावास के वार्डन सम्बद्ध संस्था के नोडल अधिकारी को प्रसारित किया जाएगा जो कि कार्रवाई रिपोर्ट संस्था के रैगिंग निषेध समिति को देगा साथ ही सम्बद्ध जिले के अधिकारियों यदि आवश्यकता हुई तो जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को दी जाएगी तथा वेबसाइट पर डाल दी जाएगी ताकि मीडिया तथा सामान्य जनता उसका विश्लेषण करे।
- संस्थाध्यक्ष को रैगिंग निषेध हेल्पलाइन पर मिली सूचना पर त्वरित कारवाई इन विनियम के उपखण्ड (b) के अनुसार करनी होगी।
- रैगिंग निषेध राष्ट्रीय हेल्पलाइन, रैगिंग निषेध कौंसिल हेल्पलाइन तथा प्रत्येक संस्था के अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों, संस्थाध्यक्षों, संकाय के सदस्यों, रैगिंग निषेध समिति के सदस्यों तथा रैगिंग निषेध दल के फोन नंबर वेबसाइट और सामान्य उपलब्ध स्थिति पर प्रकशित किया जाए ताकि आकस्मिकी में वे उनका प्रयोग कर सकें।
8.2 कौंसिल विनियमन के अनुसार निम्नलिखित कदम उठाएगा-
- कौंसिल, संस्था के लिए यह अनिवार्य करेगा कि वह अपनी विवरणिका में केन्द्र सरकार के निर्देश अथवा राज्य स्तरीय मानिटरिंग समिति के रैगिंग निषेध सम्बन्धी निर्देश और उसके परिणाम समाहित करें। यदि वे ऐसा नहीं करते तो यह माना जाएगा कि वे शिक्षा का स्तर गिरा रहे है। तथा इसके लिए उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी। कौंसिल भी इसका अनुसरण करते हुए विज्ञान के स्नातक और स्नातकोत्तर विवरणी में भी शामिल करेगा।
- कौंसिल यह प्रमाणित करेगा कि इन विनियमों के अनुसार छात्रों तथा उनके माता-पिता / अभिभावक से शपथ पत्र संस्था द्वारा प्राप्त किया जा रहा है।
- कौंसिल द्वारा संस्था को दी जा रही किसी प्रकार की विशेष मेरिट कम मींस वजीफा अथवा सामान्य किसी प्रकार की आर्थिक सहायता अथवा अनुदान में एक शर्त यह लगाई जाएगी कि संस्था द्वारा रैगिंग निषेध सम्बन्धी विनियम एवं उपायों का अनुपालन किया जा रहा है।
- रैगिंग की किसी भी घटना का संस्था के रैंक अथवा ग्रेडिंग पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
- कौंसिल एक रैगिंग निषेध सेल कौंसिल में बनाएगा जो रैगिंग से सम्बन्धित सूचनाएँ एकत्र करेगा तथा उसपर निगरानी रखेगा और संस्था स्तरीय समितियों के साथ तालमेल कर रैगिंग को रोकने के उपायों पर सुचारू रूप से कार्य करेगा। यह सेल गैर सरकारी संगठन जो रैगिंग रोकने से सम्बन्धित होंगे, को आंकड़े देख रेख में सहायता देगा जो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अनुरक्षित किया जाता है।
9 रैगिंग की घटनाओं पर प्रशासनिक कार्रवाई-
9.1 किसी छात्र को रैगिंग का दोषी पाए जाने पर संस्था द्वारा निम्नलिखित विधि अनुसार दण्ड दिया जाएगा।
- रैगिंग निषेध समिति उचित दण्ड के सम्बन्ध में उचित निर्णय लेगी अथवा रैगिंग की घटना के स्वरूप एवं गम्भीरता को देखते हुए रैगिंग निषेध दल दण्ड हेतु अपनी स्तुति देगा।
- रैगिंग निषेध समिति रैगिंग निषेध दल द्वारा निर्धारित किए गए अपराध के स्वरूप और गम्भीरता को देखते हुए निम्नलिखित में को कोई एक अथवा अनेक दण्ड देगी।
- में उपस्थित होने तथा शैक्षिक अधिकारियों से निलम्बन
- छात्रवृत्ति / छात्र अध्येतावृत्ति तथा अन्य लाभों को रोकना/वंचित करना
- किसी जाँच / परीक्षा अथवा अन्य मूल्यांकन प्रक्रिया में उपस्थित होने से वंचित करना
- परीक्षाफल रोकना
- किसी प्रादेशिक, राष्ट्रीय अथवा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन, खेल, युवा महोत्सव आदि में संस्था का प्रतिनिधित्व करने से वंचित करना
- छात्रावास से निष्कासित करना
- प्रवेश रद्द करना
- संस्था से 01 से 04 सत्रों तक के लिए निष्कासन करना
- संस्था से निष्कासित और परिणाम रूवरूप किसी भी संस्था में एक निश्चित अवधि तक निस्काषित रखना
जब रैगिंग करने अथवा रैगिंग करने के लिए भड़काने वाले व्यक्तियों की पहचान न हो सके तो संस्था सामूहिक दण्ड का आश्रय ले।
- निषेध समिति द्वारा दिए गए दण्ड के विरुद्ध अपील (प्रार्थना) निम्नलिखित से की जाएगी।
- कौंसिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से, अगर दण्ड आदेश संस्थाध्यक्ष द्वारा पारित किया गया हो।
- कौंसिल के अध्यक्ष से, अगर दण्ड आदेश कौंसिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा पारित किया गया हो।
9.2 यदि कोई संस्था इनमें से किसी नियम विनियम के अनुपालन में असफल रहती है तथा रैगिंग को प्रभावशाली ढंग से रोकने में असफल रहती है तो उस पर निम्नलिखित में से कोई एक या अधिक कारवाई कर सकता है -
- संबद्धता या मान्यता रद्द करना या उसे दिए गए अन्य विशेष अधिकार वापस लेना। इस प्रकार की संस्था को निषिद्ध करना। उस संस्था में पढ़ रहे छात्रों की पढ़ाई की व्यवस्था कौंसिल किसी और संस्था के करेगा।
- इस प्रकार की संस्था को किसी शैक्षिक कार्यक्रम विज्ञान के स्नातक और स्नातकोत्तर में कौंसिल द्वारा आयोजित JEE द्वारा छात्रों का प्रवेश लेने से वंचित रखना।
- पर्यटन मंत्रलाय या संबद्धधित राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले किसी भी प्रकार के अनुदान से वंचित रखना।
- कौंसिल द्वारा संस्था को अग्रप्रेषित किए जाने वाले किसी भी प्रकार के अनुदान से वंचित रखना।
- कौंसिल के अधिकार क्षेत्र में आनेवाला कोई अन्य दण्ड।
9.3 जहाँ नियुक्ति देने वाले अधिकारी का विचार है कि संस्था को किसी कर्मचारी द्वारा रैगिंग की सूचना देने में ढील बरती गई है। रैगिंग की सूचना देने में त्वरित कार्रवाई नहीं की है। रैगिंग की घटना अथवा घटनाएँ रोकने के लिए नहीं की है। इन विनियम के अनुसार आवश्यक कार्रवाई नही की है। रैगिंग की उस अधिकारी द्वारा सम्बन्धित कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यदि इस प्रकार की ढील संस्थाध्यक्ष के स्तर पर हुई है तो संस्थाध्यक्ष की नियुक्ति करनेवाले अधिकारी द्वारा इस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी।
9.4 कोई भी संस्था जो रैगिंग रोकने इन विनियम के अनुसार कार्रवाई नही करेगा अथवा दोषियों को दण्डित नहीं करता तो कौंसिल उसके विरुद्ध निम्नलिखित में से उपर्लिखित अधिनियम 9.2 के अंतर्गत कोई एक अथवा अनेक कार्रवाई करेगा।
----------------- नियमों की समाप्ति -------------------
अनुसुची - I
मैं (अभ्यर्थी का पूरा नाम, प्रवेश/पंजीकरण संख्या) ........................................... ................................................................................ पुत्र/पुत्री श्री/श्रीमती/सुश्री .....................................................................................ने (संस्था का नाम) .... ......................................................................................... में प्रवेश लिया है और कौंसिल से सम्बंधित होस्पिटलिटी संस्थानों के लिये रैगिंग निषेध से सम्बंधित अधिनियम (यहाँ के आगे ‘धारा’ कह्लायेंगे) एक प्रतिलिपि प्राप्त कर ली है तथा इससे सम्बन्धित निर्देशों को ध्यान से पढ़ लिया है तथा पूर्णतया समझ लिया है ।
- मैंने मुख्यरूप से विनियम 3 को पढ़ लिया है समझ लिया है। और मैं यह जानता/जानती हूँ कि रैगिंग के क्या माने है।
- मैंने धारा 7 तथा धारा 9.1 विनियम को समझ लिया है । अगर मैं किसी तरह की रैगिंग के लिए किसी को उकसाता हूँ या किसी तरह की रैंगिंग में भाग लेता हूँ तो प्रशासन मेरे खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही कर सकता है।
- मैं निश्चयत पूर्वक यह प्रयत्न करुँगा कि
- मैं किसी की रैगिंग जा कि धारा 3 विनियम में उल्लेखित है उसमें भाग नही लूँगा/लूँगी
- मैं किसी भी ऐसी गतिविधियों में लंगा/लूँगी जो कि रैगिंग के धारा 3विनियम के अंतर्गत आता हो।
- मैं यह घोषित करता/करती हूँ कि अगर मैं रैगिंग के मामले में अपराधी पाया गया/पाया गयी तो मुझे विनियम 9.1 के अनुसार दण्ड दिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कानूनी प्रावधान के अंतर्गत आपराधिक गतिविधियों में मेरे विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जा सकती है।
- मैं यह घोषित करता/करती हूँ कि मेरे विरुद्ध देश की किसी भी संस्था द्वारा रैगिंग मामले में प्रतिबंध नही लगाया गया है और ऐसा पाया जाता है तो मेरा प्रवेश निरस्त किया जा सकता है।
हस्ताक्षर...........................दिन .............महीना...............वर्ष..................
अभिसाक्षी का हस्ताक्षर
नाम:
ऩता:
शपथ प्रमाणपत्र
मेरे द्वारा सत्यापण के पश्चात् पाया गया कि शपथ पत्र में दी गई जानकारी सही है तथा कोई तथ्य गलत नही है। शपथ पत्र में किसी तरह के तथ्य को न ही छिपाया है न ही गलत बयान दिया है।
सत्यापित...............स्थान............ दिन .............महीना...............वर्ष..................
अभिसाक्षी के हस्ताक्षर
अभ्यर्थी ने हमारी उपस्थिति में शपथ पत्र में दिए गए तथ्य को पढ़ने के उपरान्त शर्तों को स्वीकार किया तथा हस्ताक्षर किए।
शपथ आयुक्त
अनुसुची - II
माता-पिता/अभिभावक का शपथ-पत्र
श्री/श्रीमती/सुश्री .............................................................................(पिता-माता/अभिभावक का पूर्ण पता) माता/पिता/अभिभावक...................................................(विद्यार्थी का पूर्ण पता प्रवेश/पंजीकरण संख्या) ...............................................................(संस्था का नाम)........................................................................................संस्था में प्रवेश लिया है। कौंसिल से सम्बंधित होस्पिटलिटी संस्थानों के लिये रैगिंग निषेध से सम्बंधित अधिनियम (यहाँ के आगे ‘धारा’ कह्लायेंगे) एक प्रतिलिपि प्राप्त कर ली है तथा इससे सम्बन्धित निर्देशों को ध्यान से पढ़ लिया है तथा पूर्णतया समझ लिया है।
2. मैंने मुख्यरूप से विनियम 3 को पढ़ लिया है समझा लिया है। और मैं यह जानता/जानती हूँ कि रैगिंग के क्या माने है।
3. मैंने धारा 7 तथा धारा 9.1 विनियम को समझ लिया है और मुझे पूरी तरह से जानकारी है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में अगर मेरा पुत्र/पुत्री रैगिंग के लिए दोषी पाया जाता है या किसी तरह की रैगिंग के लिए उकसाता है या किसी तरह की रैंगिंग में भाग लेता है तो प्रशासन मेरे पुत्र/पुत्री के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही कर सकता है।
4. मैं शपथपूर्वक निश्चय करता हूँ कि
- मेरे पुत्र/पुत्री किसी तरह के रैगिंग जो कि धारा 3 विनियम में उल्लेखित है उसमें भाग नही लेंगे।
- मैं अपने पुत्र/पुत्री को किसी भी ऐसी गतिविधियों में भाग नहीं लेने दूँगा/दूँगी जो कि रैगिंग के धारा 3 विनियम के अंतर्गत आता हो।
5. मैं यह घोषित करता/करती हूँ कि अगर मेरे पुत्र/पुत्री रैगिंग के मामले में अपराधी पाया गया/पाई गयी तो मेरे पुत्र/पुत्री को विनियम 9.1 के अनुसार दण्ड दिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कानूनी प्रावधान के अंतर्गत आपराधिक गतिविधियों में मेरे पुत्र/पुत्री के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जा सकती है।
6. मैं यह घोषित करता/करती हूँ कि मेरे पुत्र/पुत्री के विरुद्ध देश की किसी भी संस्था द्वारा रैगिंग मामले में प्रतिबंध नही लगाया गया है और मेरे पुत्र/पुत्री को ऐसे मामले में पाया जाता है तो मेरे पुत्र/पुत्री का प्रवेश निरस्त किया जा सकता है।
हस्ताक्षर ................................ दिन.......... महीना ............. वर्ष..........................
अभिसाक्षी के हस्ताक्षर
नाम
पता:
दूरभाष संख्या:
शपथ प्रमाणपत्र
मेरे द्वारा सत्यापन के पश्चात् पाया गया कि शपथ पत्र में दी गई जानकारी सही है तथा कोई तथ्य गलत नही है। शपथ पत्र में किसी तरह के तथ्य को न ही छिपाया है न ही गलत बयान दिया है।
सत्यापित...............स्थान............ दिन .............महीना...............वर्ष..................
अभिसाक्षी के हस्ताक्षर
अभ्यर्थी ने हमारी उपस्थिति में शपथ पत्र में दिन .............महीना...............वर्ष..................दिए गए तथ्य को पढ़ने के उपरान्त शर्तों को स्वीकार किया तथा हस्ताक्षर किए।
शपथ आयुक्त