राष्ट्रीय होटल प्रबंध एवं केटरिंग तकनालॉजी परिषद् की स्थापना भारत सरकार द्वारा 1982 में एक स्वायत्त निकाय के रूप में देश के आतिथ्य प्रबंध शिक्षा के समन्वित विकास और अभिवृद्धि के लिए की गई थी।
थी। प्रारम्भिक रूप से, कृषि मंत्रालय (खाद्य विभाग) के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन खाद्य प्रबंध, केटरिंग एवं पोषाहार में राष्ट्रीय अध्ययन बोर्ड के नाम से परिषद् की स्थापना की गई थी और उसी क्रम में इसे इसके नए नाम होटल प्रबंध एवं केटरिंग तकनालॉजी परिषद् के रूप में 1984 में पर्यटन मंत्रलाय, भारत सरकार को हस्तांतरित कर दिया गया था । परिषद् का कार्यालय ए-34, सैक्टर 62, नोएडा में अपने निजी भवन में स्थित हैं, जबकि इसका पंजीकृत कार्यालय पूसा, नई दिल्ली में है।
राष्ट्रीय परिषद्, आतिथ्य शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षणिक क्रियाओं का नियमन करती है, जिनका देश के विभिन्न भागों में केन्द्रीय सरकार के द्वारा प्रायोजित 21(ईक्कीस) होटल प्रबंध संस्थानों, 28(अट्ठाईस) राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित होटल प्रबंध संस्थानों (जिनमें डिग्री स्तर केकार्यक्रमों की शिक्षा प्रदान की जाती है।) तथा 3(तीन) राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित होटल प्रबंध संस्थानों (जिनमें डिप्लोमा/क्राफ्ट सर्टिफिकेट स्तर के कार्यक्रमों की शिक्षा प्रदान की जाती है।),1(एक) सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम का संस्थान, 31(इकतीस) निजी क्षेत्र के होटल प्रबंध संस्थानों और 12(बारह) भोजन कला(फूड क्राफ्ट) संस्थानों में प्रशिक्षण कराया जाता है।
राष्ट्रीय परिषद् के माध्यम से ये संस्थान 11(ग्यारह) व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, जिनमें प्रमाण पत्र, डिप्लोमा, स्नातकोत्तर डिप्लोमा, स्नातक और निष्णात कार्यक्रम शामिल हैं । (अंतिम दो पाठ्यक्रम- जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के सहयोग से है)।